वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले गढ़ाकोटा के कन्यादान समारोह पर कोरोना ने लगाया ब्रेक

 

भोपाल‌ (दीपक तिवारी)। मध्य प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र गढ़ाकोटा में अक्षय तृतीया पर हर साल आयोजित कन्यादान समारोह पर इस साल कोरोना ने ब्रेक लगा दिया है। दुनिया में मशहूर गढ़ाकोटा का कन्यादान समारोह 19 साल से हो रहा था। जो इस बार नहीं हो पा रहा है। 

क्षेत्रवासियों के नाम पाती जारी करते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मेरे द्वारा सन् 2001 से प्रतिवर्ष भव्य कन्यादान समारोह आयोजित किए जाते थे, जिसकी चर्चा पूरे संसार में होती रही है। पिछले वर्ष ही इसी सीजन में अठारहवां कन्यादान समारोह पूरे विधि-विधान से संपन्न हुआ था। अभी तक मैं लगभग 19 हजार कन्याओं के पैर पखार चुका हूं जो कि वर्ल्ड रिकार्ड है। 

उन्होंने कहा कि इस वर्ष मुझे लगता है कि कोरोना से उत्पन्न रोग और सावधानियों के कारण शायद यह समारोह आयोजित नहीं हो पाएगा एवं समारोह को आयोजित करने की इच्छा प्रबल है और मन में कष्ट है कि मेरे द्वारा शुरू की गई यह परंपरा जिसका पूरे देश ने अनुसरण किया और जिसमें मैनें अपने एक मात्र बेटे और बेटी का भी विवाह कराया इस साल सूने जा रहे हैं। लेकिन आज मैं लाचार हूं।

शादी के महूर्त शुरू हो गए हैं और इस वर्ष कन्यादान कार्यक्रम न होने के कारण मेरे क्षेत्र की शादी योग्य बेटियां कुंवारी न रह जायें, उनको हल्दी चढ़ जाये भले ही उसमें तामझाम, बैंड बाजे, आतिशबाजी या खाने के व्यजंन न हो लेकिन उनकी शादी हो जाये। इस बारे में मेरी मुख्यमंत्री जी एवं अन्य संबंधितों से चर्चा हुई और यह निश्चय हुआ कि शादी होगी बिटिया कुंवारी नहीं रहेगी, लेकिन बारात में 4-5 लोग ही रहेगें तथा सोशल दूरी का पालन करेगें भविष्य में जब भी आपके यहां शादी होगी तो पूरे धूम-धाम से करेगें और इस बार की कमी को पूरा करेंगे।

अंत में मैं सभी बेटियों और बेटों के माता-पिता से निवेदन करता हूं कि इस सीजन में जब भी उनके यहां विवाह हो वह शादी का कार्ड छपवायें या न छपवायें, मुझे पीले चावल भेजें या न भेजें, लेकिन मुझे मेरे मोबाइल नंबर पर सादा आमंत्रण दे दें या गणनायक कार्यालय के नंबरों पर निमंत्रण भेजें। मैं या मेरे परिवार का कोई सदस्य अवश्य शादी में आशीर्वाद देने आयेगा। आप जानते हैं कि हरिजन हो या आदिवासी, अगड़ा हो या पिछडा, किसी समाज के हों, सभी को मैनें जीवन में अपनाया है। इस कारण मैं पैर पूजने आऊंगा।