रसूखदारों को लग्जरी बस और गरीब हर तरफ से बेबस  

 

ग्यारसपुर (प्रेम नारायण सूर्यवंशी)। लॉकडाउन के दौरान गरीब-मजदूरों को सरकार द्वारा भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है, जबकि रसूखदारों के लिए शासन प्रशासन सभी सुविधाएं मुहैया करा रहा है।

एक तरफ गरीब मजदूर हजारों किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रहा है, दूसरी तरफ रसूखदारों के बच्चे स्लीपर बसों में बैठकर अपने घरों को सुरक्षित पहुंच रहे हैं और इन बसों के आगे-पीछे मर्सिडीज गाड़ियां चल रहीं हैं। आज ग्यारसपर के नेशनल हाईवे पर 8 युवा बैंगलोर नासिक से बनारस की तरफ पैदल जाते मिले। इन्होंने अपने सफर की कष्टभरी दास्तां मीडिया को बताई। उन्होंने बताया कि साहब रास्ते में पैदल चलते-चलते छाले पड़ गए। आठ-दस दिन से पैदल ही चल रहे हैं। प्रशासन मदद नहीं कर रहा है।

गरीबों की कोरोना महामारी के चलते बद से बदतर स्थिति हो गई है। जहां सरकार एक और कहती है कि जो लोग जहां हैं वहीं रहें उनके खाने-पीने की सारी व्यवस्था की जाएगी‌। मगर ऐसा अब तक देखने को नहीं मिल रहा है। यदि ऐसा होता तो गरीब जहां रह रहा था वहीं रहता। खाने-पीने की व्यवस्था नहीं होने से गरीबों के पास अपने गांव जाने के अलावा कोई चारा नहीं है। भूख प्यास से बेहाल गरीब मजदूर अपने गांव की तरफ भाग रहा है। 

इन्होंने स्वयं अपनी आपबीती कैमरे के सामने बताई। पत्रकारों ने तहसीलदार, थाना प्रभारी को फोन किया।  एक से डेढ़ घंटे तक मीडिया इंतजार करती रही। लेकिन इन गरीबों की मदद करने के लिए प्रशासन का कोई भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचा। इन गरीबों को न खाना मिला ना पीने के पानी की व्यवस्था ग्यारसपुर का प्रशासन कर सका।