दीपक तिवारी
अक्षय तृतीया पर मन की बात में देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देशवासियों के अहम योगदान की मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि लोगों को जहां संक्रमण नहीं है वहां भी सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि हमारे पूर्वजों ने कहा है कि कर्ज और बीमारी मौका पाते ही दोबारा बढ़कर खतरनाक हो जाती है। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। जिन क्षेत्रों में कोरोना मरीज नहीं हैं, वहां स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए। लोग नियमों का पूरी तरह पालन करें। दो गज की दूरी बहुत जरूरी, इसे ध्यान में रखें।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की लड़ाई से समाज में कई बदलाव आए हैं। जैसे अगर बीमारी से खुद को बचना है और दूसरों को भी बचाना है तो आपको मास्क लगाना पड़ेगा और मेरा तो सिंपल सुझाव रहता है गमछा से मुंह ढकना। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में एक और बड़ी जागृति आई है। जब सभी लोग यह समझ रहे हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के क्या नुकसान हो सकते हैं और यहां-वहां कहीं पर भी थूक देना गलत आदतों का हिस्सा बना हुआ था। यह स्वच्छता और स्वास्थ्य को गंभीर चुनौती भी देता था। वैसे देखें तो हम हमेशा से इस समस्या को जानते रहे। लेकिन समस्या समाज से समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रही थी। अब वह समय आ गया है इस बुरी आदत को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म करते हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 के कारण कई सकारात्मक बदलाव हमारे काम करने के तरीके, हमारी जीवनशैली और हमारी आदतों में भी स्वाभाविक रूप से अपनी जगह बना रहे हैं। आप सबने महसूस किया होगा कि इस संकट में ऐसे अलग-अलग विषयों पर हमारे समाज और हमारी चेतना को जागृत किया जो हमें अपने आसपास देखने को मिल रहे हैं। इनमें सबसे पहला है मास्क पहनना और अपने चेहरे को ढककर रखना। यह हमारे जीवन का हिस्सा बन रहा है। वैसे हमें इसकी भी आदत कभी नहीं रही। आज देशवासी कोरोना से निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं और जीतने का यही एक तरीका है। हम भाग्यशाली हैं कि आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन लड़ाई का सिपाही है। भविष्य में जब इसकी चर्चा होगी तो तौर-तरीकों की चर्चा होगी। हर कोई इस लड़ाई में अपना योगदान दे रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे देश में बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि पुलिस व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है पहले पुलिस के विषय में सोचते ही नकारात्मकता के सिवा कुछ नजर नहीं आता था। लेकिन आज हमारे पुलिसकर्मी जरूरतमंदों, गरीबों को खाना दवा पहुंचा रहे हैं। इससे पुलिसिंग का मानवीय और संवेदनशील चेहरा हमारे सामने उभर कर आया है। आज आयुर्वेद व योग के इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सुझाव की चर्चा हो रही है। आयुष मंत्रालय ने जो दिशा निर्देश जारी किए हैं वह आप अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे तो आपको बहुत लाभ होगा।
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