ग्यारसपुर में हाईवे के किनारे जंगल का सफाया

ग्यारसपुर में हाईवे के किनारे जंगल का सफाया


विदिशा में वन विभाग पर भारी, जंगल के अतिक्रमणकारी


विदिशा। ग्लोबल वार्मिंग को लेकर पूरे देश में चिंता की लकीरे हैं और पर्यावरण सुधारने के लिए सघन पौधरोपण से लेकर कई तरह के उपाय सरकारी व गैर सरकारी स्तर से किए जा रहे हैं। एक तरफ जहां जिला प्रशासन वन विभाग के सहयोग से जिला मुख्यालय पर विदिशा को हरा-भरा करने के लिए ग्रीन अभियान चला रहा है तो वहीं ग्रामीण अंचलों में अवैध कटाई व अतिक्रमण के चलते जंगल सिमटते जा रहे हैं। इस ओर वन विभाग के अफसरों और मैदानी अमले का ध्यान नहीं है। 
अवैध कटाई और अतिक्रमण के मामले में स्थिति यह है कि जहां से रोजाना सैकड़ों वाहनों का आवागमन होता है। उसी से सटे जंगल, अतिक्रमण और अवैध कटाई का सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। जब रोड के किनारों के जंगलों की हालत यह है तो अंदर के इलाकों का अंदाजा लगाया जा सकता है। वन विभाग की इसे निष्क्रियता कहें या अनदेखी कि ग्यारसपुर में नेशनल हाईवे 146 पर वन विभाग के मुनारे अंदर कर जंगल खेत में तब्दील हो गया और वन विभाग के रेंजर से लेकर पूरा अमला सोता रहा।
वैसे भी विदिशा जिले में जंगलों की स्थिति अच्छी नहीं है। राजनीतिक हस्तक्षेप के अलावा अतिक्रमणकारियों और अवैध कटाई के कारण धीरे-धीरे जंगल सिमट रहे हैं। जंगलों की सीमा मुनारों से तय होती है, लेकिन कई जगह इन मुनारों की परवाह न कर लोग जंगल को खेतों में तब्दील कर चुके हैं। ग्यारसपुर में नेशनल हाईवे पर रोड से सटकर मुनारों की परवाह न कर जंगल की जमीन पर खेती शुरू हो चुकी है। जबकि इस रोड से रोजाना कई अधिकारियों व मंत्रीगणों का आना-जाना होता है, लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है। वहीं ग्यारसपुर में रेंजर से लेकर मैदानी अमला जंगलों की सुरक्षा करने में नाकाम है। रेंजर से लेकर अधीनस्थ अमला चैन की नींंद सो रहा है और अतिक्रमणकारियों व अवैध कटाई करने वालों के हौंसले बुलंद हैं।